हिंन्दी में संयुक्त बैज्ञानिक संगोष्ठी

आज के युग में विज्ञान के ज्ञान को जनसाधारण तक पहुँचाना बेहद जरुरी है | जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान बसे हुए है | भारत ने विज्ञान द्वारा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आशातीत प्रगति की है | भारत जैसे विशाल समुदाय देश में बैज्ञानिक जानकारियौ को जनप्रिय भाषा में समझाने के लिए राजभाषा हिंन्दी ही एक ऐसी भाषा है जिसके माध्यम से बैज्ञानिक उपलाब्धियों को जन - जन तक सफलतापूर्वक पहुचाने का कार्य के लिए भुबनेश्वर स्थित :
  1. भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय कृषिरत महिला संस्थान
  2. जीव विज्ञान संस्थान
  3. भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान
  4. सीएसआइआर- खनिज एवं पदार्थ प्रौधोगिकी संस्थान
  5. भौतिकी संस्थान
  6. राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
  7. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

बैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों के संयुक्त प्रयास से प्रति वर्ष एक “ हिंन्दी में संयुक्त बैज्ञानिक संगोष्ठी ”की आयोजन किया गया  | जिसका शीर्षक – “जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव को रोकने में बैज्ञानिक तथा तकनिको संस्थानों की भूमिका ” थी | इस संगोष्ठी 10 जनवरी 2020 विश्व  हिंन्दी दिवस के अबसर पर सभी संस्थान के निदेशको  के उपस्थित में जीव विज्ञान संस्थान में शुभारम्भ समारोह किया गया |

इस संगोष्ठी में प्रति संस्थान से दो बैज्ञानिक वक्ता ने उपरोक्त शीर्षक से अपने अपने वक्तव्य हिंन्दी में प्रस्तुत किए तथा सभी सात संस्थानों से बैज्ञानिक/ तकनिको कर्मचारी/ प्रशासनीक कर्मचारी ने इस संगोष्ठी में बढ़ चढ़ कर भाग लिए | सभी प्रतिभागीयो को सह-भागिता प्रमाण पत्र वितरित किया गया |
सभी संस्थान के निदेशको के उपस्थित में 10 जनवरी शाम 5 बजे संगोष्ठी का समापन आयोजन किया गया | तथा समापन समारोह में सभी वक्ताओ को पुरस्कृत किया गया |